Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    The 3rd Eye News
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    The 3rd Eye News
    Home»विदेश»फ्रांस चुनाव से 20 दिन पहले बने गठबंधन ने जीतीं सर्वाधिक सीटें
    विदेश

    फ्रांस चुनाव से 20 दिन पहले बने गठबंधन ने जीतीं सर्वाधिक सीटें

    By July 8, 2024No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    फ्रांस चुनाव से 20 दिन पहले बने गठबंधन ने जीतीं सर्वाधिक सीटें
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    फ्रांस में संसदीय चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान कराया गया। मतदान के बाद आए नतीजों में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी रेनेसां को बड़ा झटका लगा है। इस चुनाव में वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (एनएफपी) ने सबसे अधिक सीटें जीत ली हैं। मरीन ले पेन की दक्षिणपंथी पार्टी दूसरे और राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी रेनेसां तीसरे स्थान पर रही। इन नतीजों के बाद फ्रांस राजनीतिक अनिश्चितता में फंस गया है, क्योंकि कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करने के करीब नहीं पहुंच पाई है। फ्रांस में त्रिशंकु संसद के कारण राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। मौजूदा प्रधानमंत्री गैब्रिएल एत्तल ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया है। अब इस बात को लेकर संशय बना गया है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा और सरकार में कौन होगा?  फ्रांस में संसदीय चुनाव को समझने से पहले यहां की राजनीतिक व्यवस्था को भी जान लेना चाहिए। फ्रांस की संसद के दो सदन हैं जिनमें से निचला सदन 'नेशनल असेंबली' ज्यादा शक्तिशाली है। नेशनल असेंबली की कुल 577 सीटें हैं जिनमें से बहुमत के लिए आवश्यक सीटें 289 हैं। दूसरी ओर फ्रांसीसी संसद के उच्च सदन को सीनेट कहा जाता है जहां कानून बनाने की प्रक्रिया में इसका अंतिम फैसला होता है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय संघ के चुनावों में अपने गठबंधन की हार के बाद अचानक चुनाव कराने की घोषणा कर दी। इसके बाद फ्रेंच मतदाताओं ने 30 जून और 7 जुलाई को दो चरणों में नेशनल असेंबली सांसदों के चुनाव के लिए मतदान किया। बता दें कि फ्रांस में सांसदों का चुनाव जिले के आधार पर होता है। एक संसदीय उम्मीदवार को जीत के लिए 50% से अधिक मतों की जरूरत होती है। ऐसा न होने पर, शीर्ष दो दावेदारों के साथ-साथ 12.5% से अधिक पंजीकृत मतदाताओं का समर्थन हासिल करने वाले किसी भी अन्य उम्मीदवार को दूसरे चरण में प्रवेश मिलता है। कुछ मामलों में तीन या चार लोग दूसरे दौर में पहुंच जाते हैं। हालांकि, कुछ लोग दूसरे दावेदार की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए पीछे हट सकते हैं। जानकर कहते हैं कि राष्ट्रपति के लिए प्रधानमंत्री की कुछ परियोजनाओं के क्रियान्वयन को रोकना या अस्थायी रूप से निलंबित करना संभव है, क्योंकि उनके पास सरकार के अध्यादेशों या आदेशों पर हस्ताक्षर करने या न करने का अधिकार है। फिर भी प्रधानमंत्री के पास इन अध्यादेशों और आदेशों को नेशनल असेम्ब्ली में मतदान के लिए प्रस्तुत करने का अधिकार है, जिससे राष्ट्रपति की अनिच्छा को दरकिनार किया जा सकता है। कुल मिलाकर फ्रांस के संसदीय चुनाव के परिणामों ने देश को राजनैतिक अस्थिरता के दौर में धकेल दिया है। 

    अब नतीजे क्या आए हैं?

    फ्रांस के इस चुनाव में तमाम बड़े दल गठबंधन के तहत उतरे थे। रविवार को हुए दूसरे दौर के मतदान के बाद वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट ने फ्रांसीसी संसद में सर्वाधिक सीटें जीत ली हैं। इसने दक्षिणपंथी गठबंधन को पटखनी दे दी है। वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट ने 182 सीटें जीतीं, जबकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सेंट्रिस्ट एनसेम्बल गठबंधन ने 163 सीटें जीतीं। वहीं पहले चरण में बढ़त हासिल करने वाली अति दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली और उसके सहयोगी दल 143 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर खिसक गए। नेशनल रैली पार्टी का नेतृत्व अति दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन कर रही हैं। फ्रांस के अंतिम परिणामों ने पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया। फ्रांस का वामपंथी गठबंधन दो प्रमुख गठजोड़ों को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर पहुंच गया। 182 सीटों के साथ पहले स्थान पर आए न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) का एक महीने पहले कोई अस्तित्व नहीं था। अब, इसने फ्रांसीसी संसद में सबसे ज्यादा सीटें जीत ली हैं और यह फ्रांस को उसका अगला प्रधानमंत्री तक दे सकता है। वामपंथी गठबंधन में अति-वामपंथी फ्रांस अनबोड पार्टी, अति उदारवादी सोशलिस्ट पार्टी, ग्रीन इकोलॉजिस्ट पार्टी, फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी, सेंटर-लेफ्ट प्लेस पब्लिक और अन्य छोटी पार्टियां शामिल हैं। यह गठबंधन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन द्वारा संसदीय चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद बना था। न्यू पॉपुलर फ्रंट को 2024 के संसदीय चुनाव लड़ने के लिए 10 जून 2024 को लॉन्च किया गया था। दिलचस्प है कि न्यू पॉपुलर फ्रंट में शामिल दल पहले एक-दूसरे के आलोचक रहे हैं और विचारधारा और दृष्टिकोण में उनके कई काफी मतभेद भी हैं। लेकिन उन्होंने सरकार से अति दक्षिणपंथियों को दूर रखने के लिए एक गठजोड़ बनाने का फैसला किया। एनएफपी गठजोड़ के सबसे बड़े नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन है। 72 वर्षीय मेलेंचन फ्रांस अनबोड पार्टी के लंबे समय से नेता हैं। एनएफपी ने मौजूदा सरकार द्वारा पारित पेंशन और आव्रजन सुधारों को रद्द करने, अवैध प्रवासियों के लिए एक बचाव एजेंसी स्थापित करने और वीजा आवेदनों को सुविधाजनक बनाने का वादा किया है। यह न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाना चाहता है।
     

    त्रिशंकु संसद की स्थिति में अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? 

    फ्रांस के संसदीय चुनाव परिणाम में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न होने से त्रिशंकु संसद की स्थिति बन गई है। हालिया नतीजों के साथ फ्रांस राजनीतिक रूप से अस्थिरता के दौर में प्रवेश कर गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रतिद्वंद्वी विचारों और एजेंडों वाले तीन विरोधी गुट गठबंधन बनाने का प्रयास करेंगे? मैक्रों की एनसेंबल गठबंधन के नेताओं ने बार-बार कहा है कि वे एएफपी गठजोड़ के प्रमुख दल फ्रांस अनबोड के साथ काम करने से परहेज करेंगे। एनसेंबल के नेताओं का कहना है कि यह नेशनल रैली पार्टी भी की तरह ही अतिवादी है और इसलिए शासन करने के लिए उतनी ही अयोग्य है। प्रधानमंत्री गैब्रियल एत्तल ने सोमवार सुबह घोषणा की कि वह इस्तीफा दे देंगे लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। रविवार के नतीजों का मतलब है कि मैक्रों को वामपंथी गठबंधन से किसी व्यक्ति को नियुक्त करना पड़ सकता है, जिसे फ्रांस में 'कोहैबिटेशन' व्यवस्था के रूप में जाना जाता है। पूर्व में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न होने पर फ्रांस में सरकार 'कोहैबिटेशन' व्यवस्था के तहत चलती आई हैं।कोहैबिटेशन की स्थिति में राष्ट्रपति मैक्रों को नए बहुमत वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सरकार ऐसी नीतियों को लागू करेगी जो राष्ट्रपति की योजना से अलग होंगी। आधुनिक फ्रांस ने तीन बार इस व्यवस्था के तहत शासन देखा है। अंतिम कोहैबिटेशन सरकार 1997 से 2002 तक रही थी। उस वक्त रूढ़िवादी राष्ट्रपति जैक्स शिराक के साथ समाजवादी प्रधानमंत्री लियोनेल जोस्पिन ने सरकार चलाई थी। फ्रांसीसी राजनीतिक व्यवस्था में प्रधानमंत्री संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं, सरकार का नेतृत्व करते हैं और विधेयक पेश करते हैं। राजनीतिक इतिहासकार कहते हैं कि कोहैबिटेशन के मामले में क्रियान्वित की जाने वाली नीतियां अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री की होती हैं। उधर कोहैबिटेशन के दौरान राष्ट्रपति घर पर कमजोर हो जाते हैं, लेकिन फिर भी विदेश नीति, यूरोपीय मामलों और रक्षा पर कुछ अधिकार रखते है। राष्ट्रपति देश की सशस्त्र सेनाओं का कमांडर-इन-चीफ भी होते हैं।

    Related Posts

    टैरिफ पर ट्रंप ने लिया यू-टर्न, स्मार्टफोन और लैपटॉप को टैरिफ से दी छूट

    April 13, 2025

    ट्रंप की धमकी से पनामा सेहमा, चीन की BRI परियोजना को आगे न बढ़ाने का किया ऐलान

    February 3, 2025

    US Plane Crash: शवों की संख्या बढ़ी, राहत और बचाव कार्य में जुटे अधिकारी

    February 3, 2025

    मोहम्मद यूनुस का बयान: “हिंदू समुदाय के त्योहारों में शामिल होने की आवश्यकता

    February 3, 2025

    3 दिन में 200 से ज्यादा भूकंप के झटके, ग्रीस में बड़ी तबाही का खतरा

    February 3, 2025

    सीरिया के मनबीज में बम धमाका, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया

    February 3, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    MP News: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ 2028 की अधोसंरचना कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने का दिया निर्देश…

    May 21, 2025

    MP NEWS- मध्यप्रदेश देश का दिल है, इसकी धड़कनों में प्रदेश की आहट होना चाहिए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव….

    May 21, 2025

    MP News: गेहूँ के रिकॉर्ड उपार्जन पर खाद्य मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का किया अभिनंदन….

    May 21, 2025

    पहाड़ी कोरवा के पीएम जनमन आवास में पहुंचे मुख्यमंत्री

    May 21, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Ashna Parveen
    मोबाइल - 7806086959
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Darbaritoli , Jashpur
    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    « Apr    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.