Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    The 3rd Eye News
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    The 3rd Eye News
    Home»देश»1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…
    देश

    1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…

    By January 21, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    1989 में किया पहली बार वादा ,भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ बन गया राम मंदिर आंदोलन…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

    साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाकर सदियों से चले आ रहे विवाद पर लगाम लगा दी।

    राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी राजनीति कम नहीं हुई। विपक्ष का कहना है कि भाजपा धर्म के इस मामले में भी राजनीति कर रही है।

    कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भी ठुकरा दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की अगुआई करने अयोध्या पहुंच रहे हैं।

    चुनावों के दौरान भी भाजपा नेता राम मंदिर निर्माण का क्रेडिट लेने से चूकते नहीं हैं। दूसरी तरफ देखें तो राम मंदिर आंदोलन ही भाजपा के लिए वरदान साबित हुआ।

    1984 में दो सीटें पाने वाली भाजपा ने जब राम मंदिर और हिंदूवादी राजनीति का रुख किया तो उसकी किस्मत पलटते चली गई। 

    आजादी के दो साल बाद ही हिंदू महासभा ने राम मंदिर का मुद्दा उठाया था। हिंदू महासभा ने 14 अगस्त 1949 को एक प्रस्ताव पास किया जिसमें कहा या कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

    इसके तीन दशक बाद विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर को लेकर ऐक्टिव हुआ और 1984 में धर्म संसद का आयोजन किया गया।

    इस धर्म संसद में कहा गया कि अयोध्या में राम मंदिर, मथुरा में कृष्ण मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए आंदोलन चलना चाहिए।

    गौर करने वाली बात है कि उस वक्त कई कांग्रेस नेता इसके समर्थन में थे लेकिन भाजपा से समर्थन की आवाज बुलंद नहीं हुई थी।

    1984 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा को महज दो सीटें मिलीं तो संघ ने एक बैठक बुलाई। इसके बाद तय किया गया कि गांधीवादी विचारधार के सहारे भाजपा राजनीति के पटल पर कमाल नहीं कर सकती। 

    1989 में भाजपा ने किया अयोध्या का रुख
    1989 के चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में प हली बार भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर निर्माण को अपने घोषणापत्र में शामिल किया।

    इसके बाद असर यह हुआ कि पिछले चुनाव में महज दो सीट जीतने वाली भाजपा को 85 सीटें मिलीं। मंदिर मुद्दे पर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ने लगी। उस वक्त पार्टी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे। उनकी लोकप्रियता बढऩे लगी। 

    आडवाणी ने निकाली रथ यात्रा
    1990 में जब मंदिर बनाम मंडल की जंग हुई तो जीत भाजपा की ही हुई। इसके बाद भाजपा ने रथ यात्रा का प्लान बना दिया। गुजरात के सोमनाथ से यह यात्रा शुरू की गई।

    इसके बाद इस रथयात्रा के साथ बड़ा जनसमूह जुड़ने लगा। इस रथयात्रा ने भाजपा के साथ हिंदुओं को जोड़ने में बड़ी मदद की।

    यहीं से भाजपा के लिए अखिल भारतीय पार्टी बनने का रास्ता खुल गया। 1991 मे मध्यावधि चुनाव हुआ तो भाजपा को 121 सीटों पर जीत हासिल हुई। पहली बार उत्तर प्रदेश में पार्टी सत्ता में आ गई और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बन गए। 

    1992 में मस्जिद तोड़े जाने के बाद गिरी कल्याण सरकार
    1992 में जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया तो भाजपा को नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बाद 1996 से 2019 तक ऐसा कोई लोकसभा चुनाव नहीं रहा जब राम मंदिर के मुद्दे को भाजपा ने घोषणापत्र में जगह ना दी हो।

    साल 2004 के आम चुनाव में गठबंधन के दलों को संतुष्ट रखने और राम मंदिर मुद्दे की जरूरत महसूस ना होने की वजह से भाजपा ने इंडिया शानिंग का नारा दिया।

    भाजपा ने जब विकास का मुद्दा चुना तो उसकी हार हुई और 2014 तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज रही। 

    हालांकि 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से जब विकास और भ्रष्टाचार उन्मूलन का मुद्दा सामने रखा गया तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और केंद्र में बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार बन गई।

    अब राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन भारत की राजनीति में शायद सबसे ज्यादा अहम रहा है। अगर यह भाजपा के उत्थान का कारण बना तो यही कांग्रेस के पतन का भी कारण है। 

    2019 के चुनाव के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर  फैसला सुना दिया। इसके बाद भाजपा के हौसले और बुलंद हो गए।

    2020 में ही पीएम मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया और अब मंदिर बनकर तैयार है। भाजपा अब अगले चुनाव में 400 प्लस का सपना संजो रही है।

    यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि राम मंदिर से अब भी भाजपा को बहुत उम्मीदें हैं। 

    Related Posts

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आरोप: AAP ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया

    February 3, 2025

    ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाया टैरिफ, भारत पर असर की संभावना पर वित्त मंत्री ने दिया बयान

    February 3, 2025

    केंद्र सरकार ने जेंडर बजट में 37.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, 4.49 लाख करोड़ रुपये का हुआ आवंटन

    February 3, 2025

    उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- अवैध प्रवासियों को नहीं झेल सकता देश, युवाओं से की बड़ी अपील

    February 3, 2025

    उत्तर भारत में सक्रिय हुआ पश्चिम विक्षोभ, बारिश का अलर्ट जारी

    February 3, 2025

    2015 बैच के सिग्नल इंजीनियरों की पदोन्नति फाइलों के गायब होने पर उठे सवाल 

    February 3, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    बीएमओ निलंबित एवं अनुबंधित डॉक्टर कार्यमुक्त

    May 21, 2025

    रायपुर : अवैध खनिज परिवहन पर सूरजपुर जिले में बड़ा एक्शन अवैध खनिज परिवहन

    May 21, 2025

    रायपुर : सुशासन तिहार में हुआ राशन कार्ड सुधार, सुनीता यादव को अब मिलेगा हर महीने 35 किलो राशन

    May 21, 2025

    आज का राशिफल 21 मई 2025

    May 21, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Ashna Parveen
    मोबाइल - 7806086959
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Darbaritoli , Jashpur
    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    « Apr    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.